कान्हां जी की आरती ॐ जय श्री कृष्ण हरे

ॐ जय श्री कृष्ण हरे, प्रभु जय श्री कृष्ण हरे। भक्तन के दुःख सारे पल मैं दूर करे।।
ॐ जय श्री कृष्ण हरे….

परमानन्द मुरारी मोहन गिरधारी, जय रास रास बिहारी जय जय गिरधारी।
ॐ जय श्री कृष्ण हरे….

कर कंकन कटि सोहत कानन मैं बाला, मोर मुकुट पीताम्बर सोहे बनमाला।
ॐ जय श्री कृष्ण हरे….

दीन सुदामा तारे तिन के दुःख टारे, गज के फंद छुड़ाए भव सागर तारे।
ॐ जय श्री कृष्ण हरे….

Om Jay Shri Krishna Hare... Aarti

हिरण्यकश्यप संहारे नरहरि रूप धरे, पाहन से प्रभु प्रगटे जम के बीच परे।
ॐ जय श्री कृष्ण हरे….

केशी कंस विदारे नल कूबर तारे, दामोदर छवि सुन्दर भगतन के प्यारे।
ॐ जय श्री कृष्ण हरे….

काली नाग नथैया नटवर छवि सोहे, फन-फन नाचा करते नागन मन मोहे।
ॐ जय श्री कृष्ण हरे….

राज्य उग्रसेन पाए माता शोक हरे, द्रुपद सुता पट राखी करुणा लाज भरे।
ॐ जय श्री कृष्ण हरे….

कृष्ण चंद्र जी की आरती जो कोई नर गावे, कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे।
ॐ जय श्री कृष्ण हरे….

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Updated: September 2, 2024 — 9:02 am

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