पार्थिव शिवलिंग की स्थापना और पूजा कैसे करें? पंडित प्रदीप मिश्रा

दोस्तो, सावन माह भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। इस महीने मैं शिव भक्त भगवान भोलेनाथ की आराधना करके मनोवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं। शिव पुराण मैं सावन महीने मैं भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने का एक बहुत ही सरल उपाय बताया गया है। वह है सावन के महीने मैं पार्थिव शिवलिंग की स्थापना और पूजन। प्रमुख शिवपुराण कथा वाचक पंडित प्रदीप जी मिश्रा कहते हैं कि, इस उपाय को करने से भक्तों को धन, धान्य, आरोग्य और पुत्र की प्राप्ति होती है। मानसिक और शारीरिक परेशानियों से भी मुक्ति मिलती है। पार्थिव पूजन से अकाल मृत्यु का डर खत्म हो जाता है। भगवान शिव की अराधना के लिए पार्थिव पूजन हर कोई कर सकता है। चाहे वो कोई पुरूष हो या महिला। इस आर्टिकल मैं हम पार्थिव शिवलिंग की स्थापना और पूजन विधि बताने वाले हैं।

Parthiv Shivling kaise banayen?

पार्थिव शिवलिंग कैसे बनायें?

दोस्तो, शिव पुराण के अनुसार पार्थिव शिवलिंग बनाने के लिए किसी पवित्र नदी या तालाव की मिट्टी का प्रयोग करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं कर सकते तो किसी पौधे के गमले की मिट्टी का उपयोग करके, उसी गमले मैं पार्थिव शिवलिंग बना सकते हैं। मिट्टी मैं कच्चा दूध मिला कर उसे सुद्ध कर लें। इस मिट्टी मैं गाय का गोबर, गुड़ , मक्खन और भस्म मिलाकर पार्थिव शिवलिंग बनाना अति उत्तम माना जाता है। पार्थिव शिवलिंग बनाते समय आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की और होना चाहिए। एक और बात का विशेष ध्यान रखें कि पार्थिव शिवलिंग 12 अंगुल से ऊंचा नहीं होना चाहिए। इससे ज्यादा ऊंचा होने पर पूजन का पुण्य नहीं मिलता। और शिवलिंग पर चढ़ाई हुई कोई भी चीज ग्रहण नहीं करनी चाहिए।

पार्थिव शिवलिंग की पूजा कैसे करें?

अब बात करते हैं कि पार्थिव शिवलिंग कि पूजा कैसे करें? शिव पुराण के अनुसार पार्थिव शिवलिंग बनाने के बाद उसे परम ब्रम्ह मानकर पूजा और ध्यान करें। सबसे पहले गणेश जी, विष्णु भगवान, नवग्रह और माता पार्वती का आवाहन करें। इसके बाद धूप और दीप प्रज्वलित करके कपूर जलाएं। अब शिवलिंग का गंगा जल से अभिषेक करें। उसके बाद पंचामृत यानी दूध, दही, घी, शहद और शक्कर मिलाकर अर्पित करें। और फिर सुद्ध जल से अभिषेक करें। अभिषेक करने के बाद 11 या 21 बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित करने चाहिए। बेलपत्रों पर चन्दन से राम लिख कर अर्पित करने से भगवान भोलेनाथ अतिशीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। इसके बाद फल, फूल, चन्दन, रुद्राक्ष और प्रसाद अर्पित करके अंत मैं भगवान भोलेनाथ की आरती करें।

मिट्टी के शिवलिंग की पूजा करने से क्या होता है?

पूज्य गुरुदेव प्रदीप जी मिश्रा कहते हैं कि, जो भी व्यक्ति सावन के महीने मैं पार्थिव शिवलिंग का अभिषेक और पूजन विधि – विधान से करता है। भगवान भोलेनाथ उसकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी करते हैं। दोस्तो हमें आशा है कि इस वीडियो मैं दी गयी जानकारी आपको समझ आ गयी होगी। अगर वीडियो अच्छा लगा हो तो लाइक और शेयर कर दीजियेगा। और इसी प्रकार की अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कर लीजियेगा। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं

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Updated: August 8, 2024 — 11:40 am

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