दोस्तो धार्मिक पुराणों मैं बताया गया है कि मनुष्य धरती पर जो भी अच्छे या बुरे कर्म करते हैं उन सभी कर्मों का हिसाब मृत्यु के बाद होता है। इन कर्मों के अनुसार ही सजा और पुनर्जन्म होता है। पुराणों मैं कई अच्छे और बुरे कर्मों के बारे मैं बताया गया है। गरुण पुराण मैं तो यह भी बताया गया है कि मनुष्यों को अपने पाप कर्मों के अनुसार मृत्यु के पश्चात् किस पाप के लिए कौन सी सजा मिलती है। इस आर्टिकल मैं हम ऐसे ही कुछ पाप और उनकी गरुण पुराण के अनुसार क्या सजा मिलती है यह बताने की कोशिश करेंगे।
गरुण पुराण क्या है?
दोस्तो गरुण पुराण मैं भगवान विष्णु और उनके वाहन गरुण के बीच हुए बार्तालाप का उल्लेख है। जिसके अनुसार एक बार गरुण जी ने भगवान विष्णु से जन्म – मृत्यु और यमपुरी के बारे मैं जानने कि इच्छा प्रकट की थी। तब भगवान विष्णु ने गरुण जी के सभी सवालों का विस्तार से वर्णन किया। गरुण पुराण मैं उल्लेख मिलता है कि मनुष्य इस धरती पर जो भी पाप कर्म करता है उनकी सजा मृत्यु के बाद बारी-बारी से मिलती है। यमराज के न्याय मैं किसी भी पाप कर्म कि सजा से बचा नहीं जा सकता।
नरक में क्या क्या सजा मिलती है?
(1). गरुण पुराण मैं बताया गया है कि परस्त्री या पर पुरुष से सम्बन्ध बनाने वालों को लोहे के गर्म खम्भों से आलिंगन करवाया जाता है। और जो पुरुष अपने ही गोत्र की स्त्री से सम्बन्ध बनाते हैं उसे नर्क की यातना भोगने के बाद लग्गड़बग्गा या शाही के रूप मैं जन्म लेना पड़ता है।
(2). कुवांरी अथवा अल्पायु वाली कन्या से सम्बन्ध बनाने वाले को नर्क की घोर यातनाएं सहने के बाद अजगर की योनि मैं जन्म लेना पड़ता है। तथा जो व्यक्ति कामवासना से पीड़ित होकर गुरु की पत्नी का मान भंग करता है ऐसा व्यक्ति वर्षों तक नर्क की यातनाएं सहने के बाद गिरगिट की योनि मैं जन्म लेता है।
गरुण पुराण मैं किस पाप की क्या सजा है?
(3). जो लोग दूसरों की संपत्ति को हड़प लेते हैं। उनकी आत्माओं को बंदी बनाकर यमराज द्वारा तमिसम नामक नर्क मैं फैक दिया जाता है। और यहाँ उन्हें तब तक मारा जाता है जब तक कि वह बेहोस न हो जाये।
(4). बड़ों का निरादर करने की सजा:- जिन्होंने अपने जीवन मैं कभी भी अपने बड़ों का आदर न किया हो उन्हें कालसूत्रम नामक नर्क मैं फेंक दिया जाता है। इस नर्क मैं बुरे कर्मों की सजा देने के लिए अत्यधिक गर्मी मैं तब तक रखा जाता है जब तक कि उनकी सजा का समय समाप्त न हो जाये।
विवाह से पहले सम्बन्ध बनाने की सजा:-
(5). गरुण पुराण के अनुसार जो व्यक्ति विवाह किये बिना दूसरे की पत्नी के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाते हैं और उन्हें धोका देते हैं उन्हें कुयोतकम नर्क मैं फेंक दिया जाता है। यह नर्क एक कुए जैसा होता है जो मानव मल-मूत्र, रक्त व अन्य घृडित वस्तुओं से भरा होता है।
(6). गरुण पुराण के अनुसार आत्माओं को शरीर छोड़ने के बाद यमपुरी तक जाने के लिए वैतरणी नदी पार करनी होती है। यह नदी मानव मल-मूत्र, रक्त, कीड़ों, हड्डियों और मॉस से भरी होती है। कहा जाता है कि जिन लोगों के पाप अतुलनीय हों जिन्होंने अपनी शक्तियों का जीवन भर दुर्पयोग किया हो और दूसरों का दमन किया हो उन्हें मरने के बाद इसी नदी से गुजरना पड़ता है।
(7). मित्र के साथ विश्वासघात करने की सजा:- मित्र के साथ विश्वासघात करके उसकी पत्नी के साथ सम्बन्ध बनाने वालों को गधे कि योनि मैं जन्म मिलता है।
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